सब आधुनिक है
सब आधुनिक है
आधुनिकता पर थी
बहस जारी भारी
सब बोलेें
फिर आई मेरी बारी,
खांस किया मैने
अपना गला साफ,
बोला बंंधुओ
करना मुुुझे माफ,
क्योंकी समझ से
मेेेरी है आधुनिक
बस एक
पहचाना जाएगा
भीङ में भी वह
जब जमा खङे हों अनेक,
है आधुनिक वह
जिसेेे है नही
कोई सिर या कोई पैर,
है जिसे
उन सभी
नियमों से बैर,
जो सृजन को हैैं
सजीला सुन्दर करते,
कलाकृतियों मेें
अमरत्व के रंग है भरते,
समझ यही समझाती है
रूक ठहर ठहर
बस यह बतलाती है,
है आधुनिक वह
जो मौलिक मोहक
प्रचलन को तोङे,
कहीं का रोङा
कहीं का तिनका
पर भानूूूमति का
कुुुनबा जोङे।।
