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Vinay Panda

Drama

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Vinay Panda

Drama

सौहार्द की होली

सौहार्द की होली

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खेलो होली मन भर कर तुम

तुमको किसने रोका है

मगर प्रेम दिखे फूहड़ता नहीं

पंडा कलम से सबको टोका है !


होशियार रहना

कहीं पिचकारी से कोरोना ना बरसे

पैसा खर्च करके तुम खरीदो

साँस तेरी जीने को तरसे..!


देशी गुलाल लगाना

चाइना सामान पर मत जाना

घर का गोबर फिर भी ठीक

सौहार्द पूर्वक त्यौहार मनाना..!


मेरी राधा भी

कलम संग साथ मेरे खेलेगी होली

शब्द उड़ेंगे भाव बहेंगे

हम उसके वो होगी मेरी..!


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