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Neelam Sharma

Romance

3  

Neelam Sharma

Romance

सायली छंद

सायली छंद

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पता

नहीं क्यो ?

यादों के पन्ने

आज फिर

फड़फड़ाते।


मोह

के धागे

तेरी उँगलियों में,

जा उलझे


क्यों ?

संभली

तूफानों से


समंदर में फँसकर

हिदायतें लिख दी।


सहेजती

अश्रु अँखियाँ,

मिलन आस लिए

सपने समेटे बैठी।



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