सावन में प्रीत
सावन में प्रीत
सावन आया दे हमें, प्रीत भरे दिन नाथ।
झूला झूले प्रेम मय, माधव राधा साथ।।
पुरवा बयार अब चले, दिल में है बस प्यार।
सावन चंचल मस्त है, छाए मधुर बहार।।
काले बादल मन भरे, बिजली चमके जोड़।
रिमझिम पानी हो रही, सावन है बेजोड़।।
अम्बर से बरसे जलें, मग्न मूसलाधार।
यौवन में छाया नशा, सावन का उपहार।।
सावन पुनीत मास है, भक्ति की जगी जोत।
लोगों में आस्था बढ़ी, प्रेम से ओतप्रोत।।
सावन पावस खास है, अति प्रिय लगे जहान।
मस्ती में गाए सभी, कोयल देती तान।।
मदिरा सा पानी लगे, सावन का है रात।
मिलन मधुर आज की, चंचल है बरसात।।