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Anju Metkar

Romance

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Anju Metkar

Romance

नूर-ए-हुस्न

नूर-ए-हुस्न

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मुस्कुराते ये मदमस्त होठ

गुलाब की पंखुडीयाँ जैसे

खिलखिलाता है़ं शबे हुस्न

तबस्सुम की लकिरों जैसे।।१।।


तेरे मासूम चेहरे से

झलकता हैं नूर पैमाने जैसे

जाम पे जाम उठाते हैं 

हम आँखियोंसे शबनम जैसे।।२।।


तेरे हुस्न के चर्चे हैं 

बादेसबा की लहेर जैसे

तेरी कमसीन अदाएँ हैं

नगमा-ए-तरन्नूम जैसे।।३।।


तेरे दीदार को तरसते हैं

हम ईद के चाँद जैसे

तेरी एक नजर की ख्वाहिश हैं

रब की इनायत जैसे।।४।।


तेरे इश्क के दीवाने हैं हम

शम्मा के परवाने जैसे

ऐ नाझनी तू बता दे

तुम्हे पाएँ तो पाएँ हम कैसे ?।।५।।


मुस्कुराते ये नाजुक होठ

गुलाब की पंखुडीयाँ जैसे

खिलखिलाता हैं शबे हुस्न

तबस्सुम की लकीरों जैसे।।६।।


धुनः दो सितारों का जमी पर हैं मिलन

आज की रात.....

चित्रपट :कोहिनूर.


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