सातवां दिन
सातवां दिन
प्रिय डायरी,
सातवां दिन
सुबह से टी वी में सिर्फ एक ही चीज़ दिखा रहे हैं
कोरोना से बढ़ती मौतें या मरीज
आखिर क्या हो रहा है हमारे देश में ??
उपर से लोगों की लापरवाही वो तो अलग
आखिर क्यों हम सरकार की मदद नहीं कर रहे
पूरा दिन सिर्फ यही बातें,
अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमारे हालात बहुत ही खराब हो सकती हैं
और हम सब कुछ गंवा बैठेंगे
बेहतर है समझदारी से काम करे,
वैसे आज दिन भर में मैम ने काम करने को कहा है
कोरोना और मैं पर आर्टिकल लिखने कहा है,
कहा तो बात तो माननी होगी ना मान कर कैसे चलेगा,
दिन भर आज ज्यादा कुछ किया ना,
अभी तक तो सब कुशल मंगल है आगे भी हो ऐसी आशा है।