साथी
साथी
साथी मेरे
जब तुम होते हो साथ
बन जाती बिगड़ी बात
पूरी होती हर आस।
सुख में मैं चहकूँ
दुख भी सह जाऊँ
धूप छाँव जीवन के
एक भाव जी जाऊँ।
बस
साथी मेरे
जब तुम होते हो साथ
बन जाती हर बिगड़ी बात।
कुछ अपनी कहती हूँ
कुछ तुम्हारी सुन लेती हूँ
राज दिल के तुम से खोलती हूँ
विश्वास का बीज बो लेती हूँ ।
बस
साथी मेरे
जब तुम होते हो साथ
बन जाती हर बिगड़ी बात ।
साथ तुम्हारा है सब से प्यारा
शायद दुनिया में सबसे न्यारा
हर रिश्ता है अब तुम से बाद
न रखूँ किसी से कोई आस।
बस
साथी मेरे
जब तुम होते हो साथ
बन जाती है हर बिगड़ी बात।