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Vinay Panda

Romance

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Vinay Panda

Romance

साथी तेरा साथ

साथी तेरा साथ

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साथी तेरा साथ

एक बरगद की छाँव सा,

मिला मन को मेरे जब से

सुकून अब राह के काँटों से है।

प्यार के साये में तेरे

बसेरा है अब अपना,

कर्म से थक-हारकर बैठा मेरा दिल,

क्या तेरा क्या मेरा अब नहीं कोई सपना है ।

किसी अभिशाप से सिंचित मेरा जीवन

क़िस्मत मेरी बड़ी दूषित थी,

तेरे प्यार से आज तरंगित मेरा मन

तेरी ये मुस्कुराहट मेरा सबसे बड़ा धन है ।



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