STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Inspirational

3  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Inspirational

सांसो की सरगम

सांसो की सरगम

1 min
138

भूला पड़ा राही हूँ मैं प्रभुजी,

द्वार पे तेरे आया हूँ।

खोल दे तेरा द्वार प्रभुजी,

उम्मीद ले कर आया हूँ।

मोह माया की इस दुनिया में, 

सब कुछ मैं खो चूका हूँ।

तेरा ही एक सहारा अब है, 

तेरे शरण में आया हूँ।

बिगड़ी बना दे प्रभुजी मेरी,

तुझ पर एतबार करता हूँ।

शीश झुकाकर तेरे शरण में,

अर्ज़ सुनाने मैं आया हूँ।

तू दीनानाथ दयाल है प्रभुजी,

तेरी महिमा अपरंपार है।

बांह ग्रह लेना है नाथ "मुरली" की,

सांसो की सरगम मैं लाया हूँ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational