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सामर्थ्य

सामर्थ्य

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कल्पना के विश्व मे विचरने से क्या होगा

जबतक सपने साकार करने का प्रयास ना हो ।।


सीढ़ियां देखते रहने से क्या होगा

जबतक उसे पार करने की शक्ति ना हो ।।


अर्थपूर्ण जीवन जीने की संकल्पना से क्या होगा

जबतक चुनौतियों से दो चार करने का सामर्थ्य ना हो ।।


नवजीवन का सृजन करने से क्या होगा

जबतक नयनों में जीवन देखने की दुर्लभ दृष्टि ना हो ।।


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