रूप-रंग
रूप-रंग
खुशियों का उदासी पर पहरा है।
अब जाकर सफेदी पर रंग ठहरा है।
संभाले नहीं संभला जो
आज बदला है।
जिंदगी का रूप-रंग निखरा है।
खुशियों का उदासी पर पहरा है।
अब जाकर सफेदी पर रंग ठहरा है।
संभाले नहीं संभला जो
आज बदला है।
जिंदगी का रूप-रंग निखरा है।