रुकती नही जिंदगी
रुकती नही जिंदगी
रुकती नही है जिंदगी,
गहन अंधकार छा जाने से,
खुशनुमा होती है जिंदगी,
खुद प्रकाश बन जाने से।
शूल जो पथ में चुभे,
घबराने से फिर क्या मिला,
वीर योद्धा बन कर,
विजय पथ ही सदा मिला।
कितनी घनघोर आंधियां हो,
अटल हिमालय जो बना,
पदचिन्ह अपने प्यारे देकर,
बन दिवाकर वो चमका।
भावो के तूफान जो छोड़कर,
लक्ष्य की ओर जो चला,
विजय पताका का नाम,
उसके हाथो ही पहरा।