रोना जरूरत ना बन जाए
रोना जरूरत ना बन जाए
खुद को समय दिया करो आज के समय में
कहीं हंसना मजबूरी और रोना जरूरत ना बन जाए
खुद से पूछना हर वक्त कैसे हो तुम
कहीं खामोश रहना तुम्हारी फितरत ना बन जाए
जो हो दिल में ढूंढ के किसी को कह देना
कहीं दुनिया को अलविदा कहना जुर्रत ना बन जाए
गर हो प्यार किसी से या हो प्यारे किसीको तो
कह देना सोचना मत ,कहीं ये सोच ही नफरत ना बन जाए
