रोला छंद
रोला छंद
1)
महिलाओं का मान, मुझे है सबसे प्यारा।
पिछडो को अधिकार, दिलाना मेरा नारा।
आये इन पर आँच, भीम को नहीं गवारा।
मंत्रीपद का त्याग, विरोध का था हुँकारा।
2)
होता अत्याचार, रहूँ फिर मैं चुप कैसे।
माया को धिक्कार, रहे जो पद पर ऐसे।
समाज हित में देख, ठुकरा दिया पद माया।
मेरा दलित समाज, हृदय के बीच समाया।