रंगों की बौछार होली
रंगों की बौछार होली


जाने कैसी मची है शोर !
ढ़ोल, नगारे बज रहें है जोर,
है देखो रे होली आयी,
चारों ओर धूम मचायी।
चहक रही बच्चों की किलकारी,
दौड़ी आयी राधा प्यारी,
कृष्ण भी बंसी आए छोड़,
होली की धूम मची है चारों ओर।
कल-कल बहती धारा नदी की,
गोपियाँ पनियां भरन को आयीं,
मटकी फूटी, गिरी गोपियाँ
चित्त चारों ओर,
अठखेलियाँ करते ग्वाल-बाल
कहते 'हरि बोल'।
नभ में छायी है लालिमा,
सुन्दर बनी आज है धरती,
रंग, गुलाल से खेलें खेल,
खुशियों का हो रहा है मेल।
होली दिन घर जिसके भी जाएँ,
मीठे पकवान से स्वागत करते,
अनूठा है यह पर्व हमारा,
दुश्मन भी इस दिन गले लग जाते।
सच्चाई की जीत है 'होली',
मधुर मिलन का प्रतीक है 'होली',
खुशियों की फुहार है होली,
रंगों की बौछार है 'होली'।