रंग रसिया
रंग रसिया
रंग रसिया - होली पर नोंक झोंक
होली के रंग देवर के संग
देवर भौजी बीच लगी शर्त रे भाई
जो पहले रंग लगाएगा वही जीता रे भाई ।
देवर पूरा रंग रसिया, दोस्त लिए बुलाए,
भाभी अब न बच पाओगी जोर जोर चिल्लाए।
भाभी बोली भैया, पहले पीओ ठंडाई
फिर जमकर हम रंग खेलेंगे, होली है मेरे भाई।
रंग रसिया देवर, भाभी के झाँसे आए
पी ठंडाई, चढ़ी भाँग खड़ा -खड़ा चकराए।
मौका देख फिर भाभी भी जमकर रंग लगाई,
कान्हा बने देवर जी को बस राधा नज़र आए।
उतरी भाँग जब रंग रसिया देवर की
खुद से ही गाना गाता आए।
भाभी तुम्हरी लीला है अपरम्पार
हमको हराकर जीती तुम्ही बारम्बार......
जय हो....