रंग हुए बेरंग
रंग हुए बेरंग
रंग आज सारे बेरंग से हैं
बदले हुए सारे ढंग से हैं
रंग आज सारे बेरंग से हैं।
फूलों में आज खुशबू नहीं
भँवरों में आज मस्ती नहीं
रूठें हुए आज सारे संग से हैं
रंग आज सारे बेरंग से हैं।
कोयल अब गाती नहीं
चिड़ियाँ भी अब चहचहाती नहीं
मीठे सारे स्वर आज बंद से हैं
रंग आज सारे बेरंग से हैं।
