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Dr Reshma Bansode

Abstract Drama

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Dr Reshma Bansode

Abstract Drama

रंग भूरा - धुंद

रंग भूरा - धुंद

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अच्छा हुआ कोहरा बढ़ने लगा हैं,

रास्ते अब साफ नजर नहीं आते...


तेरी ओर खींचनेवाली ये रहे अब कमज़ोर हो रही है...

अच्छा हुआ सभी तरफ़ अब धुंद है,


तेरी ओर देखने की तलब अब छुटने लगी है..

अच्छा हुआ सर्दियां बढ़ने लगी है,

बाहर कदम रखने की ख्वाहिश अब मर चुकी है।


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