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Pushp Lata Sharma

Abstract

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Pushp Lata Sharma

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रंग अबीर गुलाल

रंग अबीर गुलाल

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पकड़ पकड़ कर, जकड़ जकड़ कर

लगाती है देखो रंग, होरी हुरियारों की 


करती है वो धमाल, लाल पीले रंग डाल,

पिचकारी लेके धार, छोरी पनिहारों की 


ढोल लिए ताशे संग भंग चढ़ी तरंग 

झूमती लगे है मस्त, टोली रंगदारों की 


मच रही हुड़दंगमन में लिए उमंग,

आया है त्यौहार होली, ऋतु है बहारों की।


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