रक्तबीज
रक्तबीज
चपरासी से लेकर बड़े साहब तक ,
भरी है दुनियां रक्तबीजों से।
खून पीने को आतुर ,
तू बच नहीं पाएगा।
बूंद दो बूंद नहीं ,
इनको सम्पूर्ण चाहिए।
तू थक जाएगा रक्तदान करते,
पेट इनका न भर पाएगा।
भिखारी से मांगते, डराते भी,
फन इनका नज़र आता ,
वसूली करने में।
नानी मर जाती , काम करने में।
आना देर से पक्का है,
जाने का फैसला मन करता इनका।
रक्तबीजों के संसार,
पिसता मानव , फिर भी ज़िंदा।
वाह प्रभु क्या संसार बनाया।
रक्त बस इता सा दिया,
रक्तबीजों को बेशुमार बनाया।
