STORYMIRROR

Dr Jogender Singh(jogi)

Tragedy

3  

Dr Jogender Singh(jogi)

Tragedy

रक्तबीज

रक्तबीज

1 min
11.4K

चपरासी से लेकर बड़े साहब तक ,

भरी है दुनियां रक्तबीजों से।


खून पीने को आतुर , 

तू बच नहीं पाएगा।

बूंद दो बूंद नहीं ,

इनको सम्पूर्ण चाहिए।

तू थक जाएगा रक्तदान करते,

पेट इनका न भर पाएगा।


भिखारी से मांगते, डराते भी,

फन इनका नज़र आता ,

वसूली करने में।

नानी मर जाती , काम करने में।

आना देर से पक्का है,

जाने का फैसला मन करता इनका।


रक्तबीजों के संसार,

पिसता मानव , फिर भी ज़िंदा।

वाह प्रभु क्या संसार बनाया।

रक्त बस इता सा दिया,

रक्तबीजों को बेशुमार बनाया।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy