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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Inspirational

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Inspirational

रक्षा बंधन

रक्षा बंधन

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आंगन खडी मै इंतजार करुंगी,
भैया का दिल से स्वागत करुंगी,
अरमानों की मै राखी सजाकर,
अपने भैया की कलाई पे बांधुंगी।

थोडा मीठा झगड़ा भी मै करुंगी,
फिर भी मै प्यार से मान जाउंगी,
चेहरे पर मधुर मुस्कान सजाकर,
अपने भैया पर मै स्नेह बरसाउंगी।

फुल-कुमकुम से थाली सजाउंगी,
अपने भैया को मै तिलक करुंगी,
भेया को स्नेह से मिठाई खिलाकर,
रक्षा बंधन का त्योहार मै मनाउंगी।

भैया को शुभकामना प्रदान करुंगी,
भाई-बहन रिश्ता मै मजबूत करुंगी,
भैया का आशीर्वाद ले कर "मुरली"
भाई बहन का रिश्ता अमर बनाउंगी।

रचना:-धनज़ीभाई गढीया"मुरली" (ज़ुनागढ - गुजरात) 


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