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Mahesh Sharma Chilamchi

Classics

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Mahesh Sharma Chilamchi

Classics

रखवाला

रखवाला

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जग का रखवाला है तू,

प्रेम के पड़ के चक्कर में,

गऊ रक्षक ग्वाला है तू।


कहां तक गाऊं गुण तेरे

हुए हैं खतम शब्द मेरे,

भले ही जग रचना तेरी

मगर यशोदा लाला है तू।


सकल जग तेरी सृष्टि है

हर जगह तेरी दृष्टि है,

हिले ना पत्ता तेरे बिन,

पार्थ का रथ संभाला है तू।


पतित पावन है नाम तेरा

रूप हैं सूर्य चांद तेरा,

नाम तेरा उजियार करे

मगर दिखता काला है तू।


तू ही हारे का सहारा है

भंवर जालों का किनारा है,

'राज' क़ातिल मुस्कानों का

कुटिल बिष का प्याला है तू।


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