नये साल की अभिलाषा
नये साल की अभिलाषा
आशा है तुझसे, नव-वर्ष मुझको
दुःख दर्द से दूर, करे तू सबको
जो झेल रही दुनिया, बीते वर्ष से
उसका निराकरण, कुछ तो कर दे
खुशी मिले घर आँगन, महके सदा उपवन
कुदरत के करिश्मे से, जीवन मे रंग भर दे
फैली है चारो तरफ, जन जन में जो दूरी
आपसी ईर्ष्या द्वेष, तू ही जरा कम कर दे।