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Sanjay Jain

Tragedy

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Sanjay Jain

Tragedy

रिश्तों का व्यापार

रिश्तों का व्यापार

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कितना सब कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में

इसमें खुलकर हो रहा हर चीज का व्यापार

जहां देखो वही पाओगे विज्ञापन और दामों की सूची

जिस पर दर्शाया गया है

हर चीज का दाम

क्या मंदिर क्या मस्जिद और क्या गुरुद्वारा

कोई भी नहीं बच पाया इस व्यापार से

छोटे बड़े उत्सव या हो मरण मौत का कोई अनुष्ठान

सब का देना पड़ेगा तुमको

यहां पर दाम

कितना सब कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में।।


बहुत फल फूल रहा है शादी कराने का व्यापार

इसको भी बना लिया अब लोगो ने व्यापार

लड़का लड़की दोनों को ये लोग मिलाते हैं

और बदले में दोनों परिवारों से कमीशन पाते हैं

यदि बन गई दोनों में संबंध होने की बात

तब ये महाशय सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति बन जाते हैं

और दोनों परिवार के लोगों को बहुत भाते हैं

भले ही बदले में अच्छा खासा कमीशन लेते हैं

पर सच में सबसे बड़े रिश्तेदार ये ही कहलाते हैं।।


अब तो सामाजिक कार्यों का भी होने लगा व्यापार

जो समाज सेवा के कार्य समझे जाते थे

अब उनका भी होने लगा व्यापार

क्योंकि नाम के लिए सिर्फ पैसा देना होता है

कार्यो से नहीं है ऐसे लोगो का कोई सरोकार

कितना निंदनीय कार्य है ये फिर भी फल फूल रहा है ये व्यापार

कितना सब कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में।।



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