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Sudhir Srivastava

Comedy Others

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Sudhir Srivastava

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रिश्ते निभाना जानता हूँ

रिश्ते निभाना जानता हूँ

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मैं तो खुद ही जानता हूँ

कि मैं कुछ भी नहीं जानता हूँ

पर ऐसा भी नहीं है कि मुझे कुछ भी नहीं आता,

अब आपको भले ही नहीं लगता

पर रिश्तों को निभाना मैं बहुत अच्छे से जानता हूँ।

हाँ! यह और बात है

कि छोटे बड़े अपने पराये का भेद नहीं जानता

रिश्तों का वजन दौलत के तराजू में नहीं तौलता

अमीर गरीब का विश्लेषण करने का 

वक्त ही नहीं मिलता है मुझे

स्वार्थ का कीड़ा आश्रय नहीं पाता मुझमें,

रिश्तों में लाभ हानि का व्यापार मैं नहीं करता

लेकिन पीठ पीछे वार भी जब तब मैं हूँ सहता

मगर इसे जीवन का हिस्सा मानता हूँ।

कुछ भी हो अपने पथ से नहीं डिगता

स्वविवेक से निरंतर गतिमान रहता हूँ

रिश्ते और रिश्तों का मतलब क्या है?

उनकी अहमियत और परिभाषा क्या है?

बहुत अच्छे से जानता हूँ,

माना कि रिश्ता निभाने में बहुत कुछ सहना भी पड़ता है,

मन के आवेग को समेटना भी पड़ता है,

मर मरकर जीना और जी जीकर मरना पड़ता है

अपनी खुशियों, ख्वाहिशों को रौंदना पड़ता है।

लेकिन यह भी जानता हूँ मैं

कि रिश्तों की बदौलत जो कुछ भी मिलता है

उसे धन दौलत से खरीदा नहीं जा सकता है

अकेलेपन का पता ही नहीं चलता,

अपने आंसू खुद पोंछना नहीं भी पड़ता ।

हर ओर जब निराशा के बादल छा जाते हैं

तब इन्हीं रिश्तों से आशाओं का विश्वास मिलता है,

अंधेरे में उजालों का नव मार्ग मिलता है

आखिर रिश्तों का यही तो मतलब होता है।

बस! मैं तो इतना ही मानता हूँ

खोने से ज्यादा बिन मांगे पाता हूँ,

शायद इसीलिए रिश्तों को मानता 

और रिश्तों की ताकत भी जानता हूँ,

अपना सम्मान स्वाभिमान नहीं खोता,

नि: संकोच रिश्तों का आईना भी दिखा देता हूँ।

रिश्तों का मान सम्मान करता हूँ

रिश्तों पर अभिमान करता हूँ

और इन्हीं रिश्तों के दम पर 

मैं किसी से भी नहीं डरता हूँ

क्योंकि मैं रिश्तों को ही जीता हूँ।

हर मुश्किल में मुस्कुराने को विवश हो जाता हूँ,

शायद इसीलिए कि मैं और कुछ भले न जानूं

पर रिश्ते निभाना बहुत अच्छे से जानता हूँ।

रिश्तों की गहराई में अठखेलियां करना जानता हूँ

इसीलिए रिश्तों में उलझकर भी हर वक्त मुस्कराता हूँ

यकीनन रिश्ते निभाने का हुनर आता है मुझे

और मैं रिश्ते निभाना बहुत अच्छे से जानता हूँ। 



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