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Lakshman Jha

Inspirational

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Lakshman Jha

Inspirational

रह गए यूँ ही अकेले में

रह गए यूँ ही अकेले में

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चुन चुन के तिनकों से

हमने घोंसला बनाया

धूप बारिश के थपेड़ों से

हमने इसको बचाया ,

अपने जिगर के टुकड़ों

को सीने में छुपाया

ना ग़म का साया कभी

उनके करीब आया

परवरिश करते रहे

चलना भी सिखाया

उड़कर गगन चूम लेने

की कला को बताया

अब ऐसे उड़ चले वो

खो गए किस मेले में

हम तो निहारा करते हैं

रह गए यूँही अकेले में


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