रेशमी राखी बड़ी नाज़ुक
रेशमी राखी बड़ी नाज़ुक


बचपन की नेह का रिश्ता है
रेशम की डोर से बांधा।
भाई -बहन का जग में होता
सबसे प्यारा अटूट नाता।
संग रह पले और बड़े हो गए
लड़े कभी, कभी दूर हो गए।
कुछ गुस्ताख़ियों में दोनों शामिल
कभी बहन फंसाती, बचाती कभी।
विदा जब घर से वही बहन हो गई
भाई की आँखें रोकर सूनी हो गई।
यूँ तो बहुत से त्योहार हैं हमारे
सावन में बहना भाई की राह निहारे।
कभी भाई बहना के पास जाए
कभी बहना भाई के घर जाए।
रेशमी राखी बड़ी नाज़ुक होती है
पर दुनिया में ये जोड़ी अटूट होती है।
मर्म राखी का उस भाई से पूछो
जिसकी राखी पे कलाई सूनी होती है।