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अच्युतं केशवं

Inspirational

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अच्युतं केशवं

Inspirational

प्रेरणा पुंज विवेकानन्द

प्रेरणा पुंज विवेकानन्द

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केसरी वेदांत के वे विवेकानंद स्वामी जी थे

दासता की नींद सोये देश को जगा गये

गर्व से कहो कि हम हिन्दू हैं उठा के शीश

मन्त्र ये अमोघ सारे देश को सिखा गये

दासता के दीनता के हीनता मलीनता के

ईंधन में आग स्वाभिमान की लगा गये

मंच पर शिकागो के दहाड़े सिंह के समान

भारत के चरणों में विश्व को झुका गये


बड़ी -बड़ी आँखों में थे सपने भविष्य के तो

उर में भरा हुआ था गौरव अतीत का

देश द्रोहियों के लिए पांचजन्य घोष था तो

भारत के मीत को पुनीत वेणु गीत था

चिंतन में दीखता था पोषण प्राचीनता का

शब्द -शब्द आधुनिक चेतना प्रतीक था

था नरेन्द्र भुवनेश्वरी विश्वनाथ का सपूत

शिष्य राम कृष्ण जी का वीर था विनीत था


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