नालंदा खण्डहर
नालंदा खण्डहर
यह ज्ञान दीप, गौरव प्रतीक
यहां बौद्ध स्तूप, मुक्ति का सीख।
था विश्व पटल का शिक्षा केंद्र,
शिक्षित हुए यहा कई भूपेंद्र।।
इसे गुप्तो ने आधार दिया,
यहाँ बुद्ध ने किया है ज्ञानार्पण।
य़ह नागार्जुन, शीलभद्र,
और आर्यभट्ट का संस्मरण।।
चीन, जापान, जावा, सुमेत्र,
इसकी ख्याति फैली सर्वत्र।
था प्रथम आवासीय ज्ञानालय,
लाखों लेखों का संग्रहालय।।
महावीर की कर्मभूमि य़ह,
जनमानस का था अभिमान।
इस उजड़ी बिखरी खंडहर की,
थी अतिविशिष्ट अद्भुत पहचान।।
