बात तो कर ले
बात तो कर ले
नफ़रत तो,
हर नजर में थी।
पर उसने
करुणा दी है सदा,
तू तो उस से प्रेम बांटने
की बात कर ले।
छीनने वाले चारो ओर है,
पर उसने,
सर्वस्व सौंपा है तुझे।
तू तो मान देने की
बात कर ले।
इज़्ज़त उतारने की बात तो,
सभी करते हैं।
'अपनी' है वो तेरी,
तू तो इज़्ज़त देने की
बात कर ले।
डर तो हर गोद में थी,
महफ़ूज़ियत, उसके
आँचल में मिली तुझे।
उसे बेखौफ करने की,
कभी खुद से बात तो कर ले।
माँ, बहन, बेटी या पत्नी,
हर रूप मे सींचा है तुझको,
बस एक बार तू, स्त्री से,
स्त्री होने की बात तो कर ले।
