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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Fantasy Inspirational

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Fantasy Inspirational

रौशनी नूरानी

रौशनी नूरानी

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जर्रे जर्रे में नूर तेरा है 

ये जमीं ये आसमान तेरा है 

भांति भांति के परिंदे हैं 

रंग सब पर अलग चितेरा है 


तख़्त ओ - ताज़ की सियासत है 

हर किसी को हर किसी से अदावत है 


आग तेरी है हवा तेरी है 

ये मकां ये ख़िज़ाँ ये शज़र तेरा हैं 


जर्रे जर्रे में नूर तेरा है 

ये जमीं ये आसमान तेरा है 

भांति भांति के परिंदे हैं 

रंग सब पर अलग चितेरा है 


रौशनी कुदरती सभी को हांसिल है

चशमेदारिया पर सबका हक है


लड़ाई झगड़ा तेरा मेरा तू तू मैं मैं

करके आखिर मुझे क्या लेना देना है


जर्रे जर्रे में नूर तेरा है 

ये जमीं ये आसमान तेरा है 

भांति भांति के परिंदे हैं 

रंग सब पर अलग चितेरा है 


आज हैं कल चले जाना है

जो भी पाया यहां बस चन्द 

दिन का ही तो आबोदाना है

रोता रहे गा या मुस्कान बिखेरे गा

गांठ बाँध ले ओ - पगले 

ये अश्क़ फिर किस लिए बहाना है


जर्रे जर्रे में नूर तेरा है 

ये जमीं ये आसमान तेरा है 

भांति भांति के परिंदे हैं 

रंग सब पर अलग चितेरा है।


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