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Dheeraj kumar shukla darsh

Tragedy

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Dheeraj kumar shukla darsh

Tragedy

रावण का अंकन

रावण का अंकन

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आज सब रावण को मारेंगे

खुशियाँ सभी मनायेंगे

एक सवाल जो मन में है

उसका उत्तर क्या सब देंगे

तुलना करते हैं हम सब

दुराचारियों की रावण से

क्या कोई मुझे बता सकता है

रामायण में दिखा सकता है

कब रावण ने किया बलात्कार

छह महीने की कन्या का

कब रावण ने किया बलात्कार

अस्सी साल की औरत का

तुलना तो सब कर लो पर

इतना मुझे बताओ अब

किसने कैलाश उठाया है

रावण को छोड़कर फिर

जब मंदोदरी ने कहा

धरो रूप राम का तुम

तब रावण कहता उससे

राम रूप जब धरता हूँ

हर स्त्री माँ दिखती है

राम रूप में आने पर

सीता भी माता दिखती है

आज के युग में है कोई

जब रूप राम का धरता है

स्त्री को फिर वो भी

मात रूप में रखता है

बोलो क्या कहते हो अब

विजयादशमी मनाने का

अर्थ कहाँ रह जाता है

रावण तो जल जाता है

दुष्कर्म यहाँ बढ़ जाता है.


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