रातों का जागना
रातों का जागना
रातों का जागना अच्छा लगता हे
रातों मे जब आज
रातों मे जब आग
रातों मे जब साज
रातों मे जब काज
जागना अच्छा लगता हे !
रातों को जब शोर
छायी घटा घनघोर
चन्दा ताके चकोर
मन मे नाचे मोर
जागना सच्चा लगता है !
शायद मन की बात
प्रतिध्वनी की ओ रात
मुश्किल थी मुलाकात
बिगड़े थे हालात
सोचना कच्चा लगता है
पर जागना अच्छा लगता है !
