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Ervivek kumar Maurya

Romance

3  

Ervivek kumar Maurya

Romance

रातभर मैं तुझे याद करता रहा

रातभर मैं तुझे याद करता रहा

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रातभर मैं तुझे याद करता रहा

बस तेरे नाम के कलमा पढ़ता रहा

उम्र भर तू रहे बस मेरे पास ही

रब से तुझको दुआओं में माँगता मैं रहा

रातभर मैं.................


तेरी हर एक छुअन मुझको सहलाती है

तेरी नाजुक उंगलियाँ मुझको गुदगुदाती है

जोश में तेरा वो आगोश में भरना

तेरा प्यारा सा चुम्बन भी मैं याद करता रहा

रातभर ..........


तूने अपनी नजरों से मुझे दिवाना बना दिया

होंठो से जाम पिलाया तो मयखाना बना दिया

तुझे पाने को बंजारा बन मैं फिर रहा

उस मासूम चेहरे को ही मैं याद करता रहा

रातभर....


जितना भी तुझे देखूं जी भरता नहीं है

एक तेरे सिवा किसी पे भी दिल ठहरता नहीं है

दिल में मेरे बस गयी हो मूरत की तरह

रब तुझे माना तुझे मैं पूजता रहा

रातभर......



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