रात एक मासूम लड़की
रात एक मासूम लड़की


कुछ यादों ने रात छेड़ दी
नींद को बुरा लग गया
कई बार कहा रात को,
सिर झुका कर,चुपचाप आया जाया कर
ख़बरदार!!!!
तारों का दुपट्टा सर से न सरके
न हो तो,अँधेरे की काली चादर ओढ़ ले
ख़ामोश सी नज़र नीचे किये चल
यहाँ उम्र की कई शिकायतें रहती हैं
कोई भी रास्ता रोक कर
आंसुओं से टोक कर
कुछ तोहमतें याद दिला देगा
यादों के झुरमुट में खींच लेगा वक्त
नींद कितना बचाएगी तुझे ?