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Dr. Saroj Acharya

Others

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इतिहास वाली डिबिया

इतिहास वाली डिबिया

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अपने बचे हुए दिन

मैंने

एक डिबिया में बंद कर दिए हैं

रोज एक एक कर के 

देखती हूं

गिनती हूँ

जाने क्या पहले ख़त्म हो

दिखना या

गिनना

कैसा लगता है

अपने आप को इतिहास 

होते देखना

खुशनुमा से कुछ पुराने दिन भी

आवाज़ देते है

मुड़ के देखूँ या 

इंतज़ार करूँ

सुना हैं इतिहास दोहराता है

अपने आप को!


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