नगर केंद्र में एक महल है ये तो केशव का घर है नगर केंद्र में एक महल है ये तो केशव का घर है
ठीक उसी तरह मेरे लिखे में हो सकती थोड़ी अशुद्धि,पर ये खालिस है, ये मेरे मनोभाव हैं। ठीक उसी तरह मेरे लिखे में हो सकती थोड़ी अशुद्धि,पर ये खालिस है, ये मेरे मनो...
तारों का दुपट्टा सर से न सरके न हो तो,अँधेरे की काली चादर ओढ़ ले! तारों का दुपट्टा सर से न सरके न हो तो,अँधेरे की काली चादर ओढ़ ले!
जानता था मैं की जमाने की नजरों से छुप कर आना जानता था मैं की जमाने की नजरों से छुप कर आना
रवि जहाँ ना पहुँच पाए ... कवि वहाँ भी दृष्टि कर देते हैं रवि जहाँ ना पहुँच पाए ... कवि वहाँ भी दृष्टि कर देते हैं