राष्ट्र : मेरा परिवार!
राष्ट्र : मेरा परिवार!
जो मेरा राष्ट्र सशक्त एवं समर्थ रहेगा...
जब चहुंओर सुख-समृद्धि-शांति व उन्नति हो,
तभी मेरा परिवार भी सबल होगा...!
इस राष्ट्र के बिना मेरे विराट परिवार का
कोई अस्तित्व मात्र ही न रहेगा...
तो फिर मैं अपने निजी स्वार्थ के वशीभूत
क्यों संपन्नता का ढोंग करूँ...???
मेरा राष्ट्र ही मेरा सबल परिवार है...
मेरा राष्ट्र ही मेरा असली परिचय है!
मेरे इस अनुपम परिवार का कोई समकक्ष नहीं...!!
मैंने अपने राष्ट्र के हित में ही
अपना ध्यान आकर्षित किया है।
यही मेरा विराट परिवार है।