रानी लक्ष्मीबाई
रानी लक्ष्मीबाई
अंग्रेज़ों से मुग़लों से ना जाने लड़ी कितनी लड़ाई थी
जिसके नाम से ही शत्रु की रूह काँप उठती थी
वो रानी लक्ष्मीबाई थी वो माता लक्ष्मीबाई थी।
नारी सेना बनाकर मर्दों की सेना से लड़ आयी थी
नारी होकर भी पुरे साम्राज्य की लाज बचाई थी
वो रानी लक्ष्मीबाई थी वो माता लक्ष्मीबाई थी।
शीश कभी झुका नही हरदम शत्रु को आँख दिखाइ थी
अंतिम क्षण तक लड़ते-लड़ते क़ुर्बान हो गयी
इस मिट्टी पर वो रानी लक्ष्मीबाई थी वो माता लक्ष्मीबाई थी।
