रामनवमी
रामनवमी


चैत्र मास शुक्ल पक्ष नवमी तिथि
माँ कौशल्या के सुत रामलला जन्मे
हर्षित हो गए वन उपवन
धन्य भई अवध नगरिया।
चारों माताएँ निहारे अवध बिहारी को
देख -देख मन ही मन मुसकाए
अंक में भर कभी लेती बलैया
एकटक निहारे विष्णु अवतारी को।
मात-पिता गुरु आज्ञाकारी
भाई-सखा के सदा हितकारी
प्रजापालक कैकेई के प्यारे
मर्यादा पुरुषोत्तम थे न्यारे।
माँ की आज्ञा से वन को गए
नर-मुनि की रक्षा हेतु असुरों का संहार किया
राह में आए केवट अहिल्या जैसे
कितने दीन जनों का उद्धार किया।
रावण का वधकर जीत के लंका
प्रिय सीता को प्राप्त किया
विभीषण का राज्यभिषेक कर
लखन सिया संग अयोध्या को प्रस्थान किया।