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Ajay Singla

Abstract

3.6  

Ajay Singla

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रामायण-५ ;नारद जी का मोह

रामायण-५ ;नारद जी का मोह

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हिमालय पर रमणीय स्थान एक 

रुक गए नारद, आगे न जाएँ

हालाँकि दक्ष ने शाप दिया था 

एक जगह वो टिक न पाएं।


समाधी में वहां बैठ गए वो 

इंद्र को चिंता होने लगी 

कामदेव को बोलै थे फिर 

पास जाओ नारद के अभी।


कामदेव मुनि पास थे पहुंचे 

उन्होंने  बहुत से  यतन किए 

कर न सके टस से मस मुनि को  

हार के इंद्र के पास गए।


नारद को अभिमान हो गया 

कामदेव को हरा दिया 

शंकर के वो पास थे पहुंचे 

आशीर्वाद था उनका लिया।


करने लगे बड़ाई अपनी 

शंकर जी ने शिक्षा दी 

मत कहना विष्णु से ये सब 

पर नारद को अच्छी न लगी।


क्षीरसागर में पहुंचे एक दिन 

विष्णु को सब बतलाया 

कैसे कामदेव को जीता 

सारा चरित था सुनाया।


विष्णुजी ने सराहना की 

पर मन में सोचा, तू भक्त मेरा 

मन गर्व से भर गया है 

करना होगा उद्धार तेरा।


हरी माया से नगर रचा 

बहुत सुँदर थे नारी नर 

राजा की रूपवती कन्या 

हो रहा था उसका स्वयंवर।


राजमहल में पहुंचे नारद 

राजा ने सत्कार किया 

बुलाया राजकुमारी को और 

गुन दोष का पूछ लिया |


रूप देख बैराग्य भूल गए 

सोचें इसको मैं वर लूँ 

हरी से मैं विनती कर के 

सूंदर रूप फिर मैं धर लूँ। 


निकले बाहर वो, प्रकट हुए हरी 

वो तो बसते हैं कण कण में

माँगा हरी से उनका रूप 

हरी कुछ न कहें, पर हसें मन में।


परम हित हम करें तुम्हारा 

कपि का तब था रूप दिया 

नारद सोचें ,अब मैं सूंदर हूँ 

महल को प्रस्थान किया।


सब को दिखें वो मुनि वेश में 

पर दो शिवगण थे वहां 

भेद वो सारा जानें , बैठ गए 

नारद मुनि बैठे जहाँ।


करते थे वो हंसी ठिठोली 

नारद को समझ में न आया 

राजकुमारी उस तरफ न देखे 

प्रभु की थी ऐसी माया।


राजा के वेश में प्रभु थे आए 

राजकुमारी का हर लिया मन 

डाली वरमाला हरी को 

फिर हंसने लगे दोनों शिवगण।


बोले नारद से देखो तुम 

दर्पण में मुखड़ा अपना 

वानर वेश देख, शाप दिया उन्हें 

प्रभु ने तोडा उनका सपना।


हरी पर क्रुद्ध थे ,शाप दिया 

तुम्हे मनुष्य रूप धरना होगा 

कपि सहायता करें तुम्हारी 

स्त्री वियोग में भी जलना होगा।


प्रभु ने तब माया हटाई 

नारद चरणों में गिर थे पड़े  

इतने में माफ़ी मांगने 

देखा वो शिवगण थे खड़े


कहा उन्हें तुम दोनों राक्षस

पर पराकर्मी , बहुत बड़े 

भगवन के हाथों मृत्यु होगी 

दोनों हाथ जोड़े खड़े।



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