हे प्रभु, इसी विषय पर मन मेरा उलझा है मुझे आपका न्याय कभी समझ नहीं आता। हे प्रभु, इसी विषय पर मन मेरा उलझा है मुझे आपका न्याय कभी समझ नहीं आता।
फ़ैल रहा चारों ओर बिना मेरे हस्तक्षेप के अनाचार ! फ़ैल रहा चारों ओर बिना मेरे हस्तक्षेप के अनाचार !
कार्तिकेय का जन्म हुआ बड़े हुए तारक मारा था। कार्तिकेय का जन्म हुआ बड़े हुए तारक मारा था।
हिमालय पर रमणीय स्थान एक रुक गए नारद, आगे न जाएँ! हिमालय पर रमणीय स्थान एक रुक गए नारद, आगे न जाएँ!
चित्रकूट वन में रहते हुए विहार करें सीता और राम लक्ष्मण उनकी सेवा में व्यस्त हैं। चित्रकूट वन में रहते हुए विहार करें सीता और राम लक्ष्मण उनकी सेवा में व्यस...
नारद जी के बतलाये मार्ग का फिर से अनुसरण करने लगे वो। नारद जी के बतलाये मार्ग का फिर से अनुसरण करने लगे वो।