राहें
राहें
वो आए ज़िन्दगी में और चले गए,
अपनी राह उन्होंने चुन ली और मुझे राह पर तन्हा छोड़ गए,
मेरी तबाही सारे ज़माने ने हस हस कर देखी है,
मेरी टूटी किस्मत महफ़िल के चर्चे बनी है,
ख्वाहिशें भी अब अपना दम तोड़ चुकी है,
एक आखरी थी आस वो भी कहीं खो गई है।
वो आए ज़िन्दगी में और चले गए,
अपनी राह उन्होंने चुन ली और मुझे राह पर तन्हा छोड़ गए,
आए थे वो मेरे आसू पोछने,
दो आसू अपने बहाकर वो चले गए,
आए थे वो मेरे ज़ख्म को मरहम देने,
पर वो तो ज़ख्म दुखा कर चले गए।
वो आए ज़िन्दगी में और चले गए,
अपनी राह उन्होंने चुन ली और मुझे राह पर तन्हा छोड़ गए,
आए थे वो हमारा आखरी दीदार क
रने,
उन्होंने अलविदा कहा और चले गए,
आए थे वो मुझे संभालने,
वो देकर दिलासा चले गए।
वो आए ज़िन्दगी में और चले गए,
अपनी राह उन्होंने चुन ली और मुझे राह पर तन्हा छोड़ गए,
आए थे वो मेरे अंधेरों को मिटाने,
वो तो जलता दिया भी भुजा गए,
आए थे वो मेरी तनहाई दूर करने,
वो दो पल ठहरे बिना ही चले गए।
वो आए ज़िन्दगी में और चले गए,
अपनी राह उन्होंने चुन ली और मुझे राह पर तन्हा छोड़ गए,
गलत वो नहीं हम ही थोड़ा ज़्यादा जज्बाती थे,
कोई बंधन नहीं फिर भी वो हर बंधन से आजादी चाहते थे,
उनको खत में हम रोज़ अपने जज्बात लिख भेजते थे,
वो तो हमारी हर चिट्ठी को बस काग़ज़ समझते थे।