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KUMAR अविनाश

Romance Tragedy

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KUMAR अविनाश

Romance Tragedy

राह तुम्हारी ही मैं देखता

राह तुम्हारी ही मैं देखता

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201


राह तुम्हारी ही मैं देखता रहता हूँ

तुम्हारे ही बारे में मैं सोचता रहता हूँ


आती है तुम्हारी ही सूरत नज़र

जहॉ भी मैं देखता रहता हूँ


धड़कता रहता है मेरा दिल 

दुआएं हरदम ही मांगता रहता हूँ


मैने हरदम ही सिर्फ तुमको ही चाहा है

दिल के जख्मों को मैं देखता रहता हूँ


रहते है ऑखो में ऑसू दिल में उदासी

याद तुमको ही हरपल किया करता हूँ


हैं भगवान से फरियाद सुनले एकबार

दे दे तू हमेशा के लिए मुझको मेरा यार


मैंने इससे ज्यादा तुझसे कुछ नहीं माँगा

तू दे दे मुझको मेरा प्यार है सिर्फ माँगा।


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