प्यारी बेटियाँ
प्यारी बेटियाँ
नन्ही सी जान आज घर पधारी है
अपने शुभ पाँव से दूर करी घर की दुख-दुविधा सारी है,
घर में हर्षोल्लास भर दिया
ऐसी कृपा के हम देवी माँ के आभारी हैं,
इस नन्ही सी जान का
मैं जान से बढ़कर ध्यान रखूँगा,
किसी भी चीज़ की
ज़िंदगी भर कमी न होने दूँगा,
बोहोत नसीब वालों को
घर में बेटियाँ मिलती हैं,
और जिनके घर बेटियाँ
सदा हँसती रहतीं हैं,
देवी माँ की छतरोछया
सदा उन पर बनी रहती है,
आप बेटियों को बोझ ना माने
उनका आदर सत्कार करें,
उनका ख्याल
जान से बढ़कर रखें,
अरे आज के दौर को ही
गौर से देखलो,
पुत्र तो केवल
स्वार्थी होते जा रहे हैं,
परन्तु बेटियाँ घर को
उनसे अच्छा सम्भाल रहीं हैं,
बेटियों को आपने
जितने नाज़ों से पाला है,
वे उसका ऋण
बहुत अच्छे से चुका रहीं हैं,
वे अपने कर्तव्यों को
पहचान रही हैं,
अपने भाई से लड़ती हैं
परन्तु हर क्षण उसकी भी चिंता करती हैं,
उनके रहते अपने आप को
सभी से सुरक्षित समझती हैं,
पर क्यूँ? उनके रहते ही
अपने आप को सुरक्षित क्यूँ समझती हैं?
उन्हें ऐसा विश्वास दिलाया ही नही गया
कि वे समाज में सुरक्षित हैं,
इसी डर से कितने ही लोग
अपने घर में बेटियाँ नही चाहते,
बेटियों का अपने घर में होने को
वे अपना अपमान हैं मानते,
परन्तु एक बेटी एक बेटे से
काफी अच्छी सिद्ध हो सकती है,
उनसे ही घरों में रौनक रहती है
उनसे ही घर की मुस्कान सदा बनी रहती है,
बोहोत नसीबों से
घर में बेटियाँ जन्म लेती हैं,
जिनके घर बेटियाँ
सदा हँसती रहतीं हैं,
देवी माँ सदा
उनके घर में वास करती हैं।
