प्यार
प्यार
अगर प्यार एक मछली होता,
तो मै एक नदी होती,
अपनी खूबसूरती से मेरी खूबसूरती को बढ़ाता,
उठती गिरती लहरों में उसका साथ ना छोड़ती,
अंधेरा जब आफताब के गोले को निगलकर छा जाता,
उसके सर को सहलाकर गोद में रखके सुलाती,
एक दूसरे के बिना कुछ अधूरे से होते,
एक दूसरे के एहसास में डूबकर मुकम्मल हो जाते।