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Anita Chandrakar

Romance

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Anita Chandrakar

Romance

प्यार

प्यार

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 तेरा मेरा रिश्ता प्यारा, ज्यों प्यासी धरती और बरसात।

 दुख हर लेते हो तुम मेरा, ठहर न पाती काली रात।

 प्रेम दीप जल उठा उर आँगन में, दूर हुआ अंधियारा।

नहीं चाहिए जन्नत कोई, साथ तुम्हारा सबसे प्यारा।


मिला प्यार का उपहार कीमती, जीवन लगा महकने।

बज रहे हृदय के तार, पाँव मोर सा लगा थिरकने।

प्रेम आनंद तुमसे मिल जाना, मिली ज़िंदगी को नई राह।

काँटों पर चलकर भी प्रिये, छोड़ न पाये मंजिल की चाह।


प्रेम सुधा का सागर है, 'अनु' प्रेम है आँखों का नीर।

अमर प्रेम राधा कृष्ण का, रहे अमर राँझा और हीर।

तेरा मेरा साथ न छूटे साथी, जब तक चले तन में साँस।

तुम बिन थम जाएगी ज़िंदगी, टूटने न देना मन की आस।



साहित्याला गुण द्या
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