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Kunda Shamkuwar

Abstract Fantasy Others

4.7  

Kunda Shamkuwar

Abstract Fantasy Others

प्यार वाली फ़ीलिंग

प्यार वाली फ़ीलिंग

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आज वह लड़की यूँही घर आँगन में आ जा रही थी.....

इसमें नया क्या है ?

यह तो बेहद आम है.... 

नहीं, मुझे लगता है कि यह एक 'खास' बात होती है....

क्योंकि उसकी वह मुस्कराहट....

और बेवजह शर्माना.... 

कनखियों से देखने का उसका वह अंदाज़.... 


कोई कहेगा की कवियों को यह क्या हो गया है?

आजकल वे कुछ भी लिखने लगे है....

लेकिन क्या ऐसा है?

कवी तो तब भी संजीदा थे और आज भी संजीदा है....


हाँ, तो बात हो रही थी उस लड़की की...

कवि की निगाहों में वह एक यात्रा है...

लड़की की औरत बनने की यात्रा....

या यूँ कह सकते हैं कि यह जिंदगी के हसीन पलों की कोई कहानी है....

वह सारे रूमानी ख़यालात.... 

वह चाँद तारों वाली बातें..... 

परी कथाओं वाले किस्से.....

ख्वाबों वाली रातें..... 

और कपूर की मानिंद उड़ता दिन.... 

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देख ली कवी की कल्पनाएँ?

कवी की कल्पनाओं की दुनिया यूँही होती है.....

बग़ैर कोई रोकटोक वाली दुनिया....

सोसाइटी में बेतकल्लुफ़ होकर रहने वाली दुनिया…


लेकिन यह कवी की फ़क़त कल्पनाएँ तो है...

हक़ीक़त की दुनिया इससे मुख़्तलिफ़ होती है....

हक़ीक़त की दुनिया में लड़कियों के लिए ढ़ेर से कायदे कानून होते हैं...

उनके लिए दसियों रिवाज़ होते हैं....

ठठाकर हँसना?

प्रेम करना ?

दूसरे धर्म या गोत्र में शादी करना ?

'अ बिग नो'

लड़की को अब समझ आ गया है कि प्यार व्यार सब बेकार की बातें है....

हक़ीक़त में 'लव' नही बल्कि 'लवजेहाद' कहा जाता है....

जिसमे प्यार, इश्क़, मोहब्बत या प्रेम की गुंजाइश नही है....

घर वाले जहाँ चाहें वहाँ उसे बाँध सकते है....

बिना किसी प्रेम से....

उसने अब जान लिया है की किसी भी घर में उसे बँधना होगा...

वहाँ रोटियाँ बनानी होगी.....

और बिस्तर भी सजाना होगा......


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