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Suresh Sachan Patel

Tragedy Inspirational

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Suresh Sachan Patel

Tragedy Inspirational

।।प्यार में धोखा।।

।।प्यार में धोखा।।

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खा कर प्यार में तुमसे धोखा, लो शहर तुम्हारा छोड़ चले।

इश्क की तेरी गलियों से अब, मुख अपना हम मोड़ चले।


लेकर के तेरी प्यार की यादें,जाता हूॅ॑ मंज़िल अपनी।

 लेकर प्यार के वादे सारे, प्यार की लेे अंजलि अपनी।

 प्यार के सारे धागे दिल के,आज उन्हें हम तोड़ चले।

इश्क की तेरी गलियों से अब, मुख अपना हम मोड़ चले।


सूख गया जब प्यार का दरिया, नौका कहाॅ॑ चलाऊॅ॑ मैं।

उजड़ गई जब प्यार की बस्ती,दीपक कहाॅ॑ जलाऊॅ॑ मैं।

बेवफा की थी जो गागर तेरी,हम तो उसको फोड़ चले।

इश्क की तेरी गलियों से अब, मुख अपना हम मोड़ चले।


आग लगाती, रात चाॅ॑दनी,कलियाॅ॑ दिल में चुभती हैं।

इठलाती सी,कालिया अब तो,मुझे चिढ़ाती लगती हैं।

प्यार की अपनी बाहों को हम,दामन में तेरे मरोड़ चलेे।

इश्क की तेरी गलियों से अब, मुख अपना हम मोड़ चले।


सच्ची मुहब्बत,ठुकरा कर मेरी,यह तो बता किस ओर चली।

भौरा था मैं तो,बगिया का तेरी,क्यो मुझको ठुकरा कर चली।

करके मुहब्बत,तोड़ा है दिल को,प्यार तेरा हम छोड़ चले।

इश्क की तेरी गलियों से अब, मुख अपना हम मोड़ चले।


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