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Shyam Kunvar Bharti

Romance

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Shyam Kunvar Bharti

Romance

प्यार की भिक्षा

प्यार की भिक्षा

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चलावा न तीर नजर गदर दिल पर मची जाई

दम केकरा मे तोहरे नजर के असर बची जाई


क़तल करे के छुरी भा तलवार का जरूरत बा

फेरि दा नजर पल भर मे जान केहु छूटी जाई


देखि के रूप सुनर हर केहु प्यार कइल चाहे

डाल देबू नजर जेकरा उ दुनु हाथ लूटी जाई


चाहे करा तू गुरूर जेतना दिल दे दा हमरा के

करबू जे इंकार जान तड़प दिल केहु टूटी जाई


आइल जवानी निखार बहार सगरो अइबे करी

चला देबू बान मुस्कान परान केहु छूटी जाई


बनी भिखारी कहे भारती प्यार के भिक्षा दे दा

तोहरे बिना जान अरमान तन्हा ना बीत जाई।


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